झांसी, नवाबाद थाना क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज के पास रविवार की दोपहर गली के किनारे कई कुत्ते शोर मचा रहे थे, आस-पड़ोस के लोगों ने देखा तो एक नवजात बच्चा उनके मुँह में फंसा हुआ था, भीड़ ने जब कुत्तों को भगाया तो देखा कि एक नवजात बच्चे का आधा अधूरा शव जमीन पर पड़ा हुआ है, यह नवजात कहां से आया, कौन से लेकर आया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, मानवीय संवेदना को चीर देने वाले दृश्य को देखकर आसपास के लोगों के होश फाख्ता हो गए, मामले की जानकारी नवाबाद पुलिस को दी गई, जिसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, पहला मामला नहीं मेडिकल कॉलेज पर नवजात का शव मिलने का यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, कुकुरमुत्ता की तर्ज पर गली गली नर्सिंग होम खुले हुए हैं, अवैध गर्भपात कारोबार बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज एरिया में संचालित होता है, जिसकी वजह से इस तरह के मामले सामने आते हैं, जरूरत है कि ठोस कार्यवाही करते हुए इस तरह के नर्सिंग होम पर रोक लगाई जाए, जिससे मानव शव की इस तरह बेकद्री ना हो, मृत भी पैदा हुआ तो सड़क किनारे पड़े नवजात कि आखिर कार गलती क्या है, अगर यह पैदा होते ही मृत हो गया था, क्या तब भी इसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिये था, आखिर इस तरह सड़क किनारे फेंकने का मतलब क्या है, ऐसी क्या गलती थी जिसे छुपाया जा रहा है, फिलहाल नवाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया है, अमूमन जनता पुलिस पर सवाल उठाती रहती है, लेकिन यह मंजर साफ करता है, जिसका कोई नहीं होता उसके लिए हर वक्त पुलिस तत्पर रहती है, शराफत का ढोंग समाज का बेकार कमजोर तबका शराफत के ढोंग में बेकाबू हो चुका है, अपने आप को दूसरे से बेहतर बताने की होड़ रहती है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम आज भी उस समाज का हिस्सा हैं,जहां नवजात को इस तरह कचरे में फेंका जा रहा है,