बस के आखिरी सफर में टूट गई जिंदगी की डोर, पत्नी की आगोश में निकल गया दम

samwadbundelkhand.com | Updated : 13/06/20 04:35 AM

Share via Whatsapp

Jhansi

रिपोर्ट- रवि परिहार मऊरानीपुर, बस के सफर में हमसफ़र ने हमेशा के लिए साथ छोड़ दिया, बच्चों से मिलकर अपने घर वापस लौट रहे दंपति को मालूम नहीं था कि यह सफर दोनों को हमेशा के लिए जुदा कर देगा, 60 वर्षीय मल्लू की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे, मऊरानीपुर के अंबेडकर चौराहे पर बस चालक ने मल्लू और उसके मृतक पति को लावारिस छोड़ दिया, मल्लू की माने तो बस में अचानक स्वास फूलने से उसके 60 वर्षीय पति की मौत हो गयी। मौत के बाद बस चालक वृद्ध के शव के साथ उसकी पत्नी को भी रास्ते मे उतार दिया। जिसने देखा वही रो पड़ा शनिवार को मऊरानीपुर अंबेडकर तिराहे पर उस समय असमंजस का माहौल बन गया, जब एक बस चालक द्वारा बस एक वृद्ध के शव के साथ एक महिला को रास्ते में छोड़ कर भाग गया। घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को मिलते ही मौके पर पहुंची, कोतवाली पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया। शव के साथ मौजूद महिला से पूछताछ की। बच्चों से मिलकर लौटे मल्लू ने बताया कि वह अपने पति हरिदयाल के साथ दिल्ली गई हुई थी, जहां से वह अपने बच्चों से मिलकर वापस बस में सवार होकर दिल्ली से उर्द मऊ छतरपुर के लिए बैठी थी। जैसे ही बस मऊरानीपुर के पास पहुंची, हरिदयाल को अचानक श्वास की बीमारी के चलते स्वास फूल गयी, कोई कुछ कर पाता उससे पहले ही हरिदयाल ने दम तोड़ दिया। चलती बस में मौत की खबर सुन बस चालक ने बस को मऊरानीपुर पर अंबेडकर चौराहे के पास रोका। बस शव के साथ महिला को भी रास्ते मे छोड़कर भाग गई। घटना की सूचना मिलते ही मोके पर पहुँची कोतवाली पुलिस ने मानवता दिखाते हुए महिला को एक वाहन उपलब्ध कराया जिससे हरिदयाल के शव को उसके गांव ले जाया गया, मानवता मर गई या जिंदा है हरिदयाल की सांस फूलने की वजह से हालत बिगड़ी जरूरत थी कि उसे किसी अस्पताल ले जाया जाता लेकिन बस चालक ने जिस व्यवहार का परिचय दिया है उससे लगता है की इंसानियत अब बची नहीं है वहीं दूसरी ओर मऊरानीपुर पुलिस ने जिस अपनेपन का एहसास कराया है उससे लगता है कि लोग फिजूल ही पुलिस को बदनाम करते हैं,



बुंदेलखंड

देश / विदेश