रिपोर्ट- राजेंद्र राजपूत झाँसी, लॉक डाउन के बाद प्रवासी मजदूर हजारों की संख्या में बुंदेलखंड लौटे हैं, झांसी मंडल में 60 हजार से ज्यादा मजदूरों की वापसी हुई है, इन मजदूरों को काम देने के लिए केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश सरकार ने नीति संचालित कर दी है, जिससे पात्र मजदूरों को काम मिल पाए और उनका जीवन संचालित हो सके, मनरेगा के तहत मजदूरों को बड़े पैमाने पर काम दिया जा रहा है, इसके अंतर्गत तालाब खुदाई, सिल्ट सफाई, वृक्षारोपण जैसे काम में मजदूर मशगूल हैं, सांसद अनुराग शर्मा ने बताया कि मजदूरों को काम मिल सके इसके लिए वृहद स्तर पर व्यवस्था की गई है, अलग अलग तरीके से श्रमिक कार्य कर रहे हैं जिससे उन्हें रोजी रोटी पर्याप्त मात्रा में मिल सकेगी मनरेगा से कई लाभ झांसी जिले में लॉक डाउन के दौरान करीब 35000 श्रमिक आए हैं, इनमें से 18 हजार से ज्यादा को काम मिल चुका है, मनरेगा के तहत जॉब कार्ड धारकों को काम मिल रहा है, जो भी काम की डिमांड कर रहा है, उसका जॉब कार्ड बनवाया जा रहा है, खंड विकास अधिकारी के माध्यम से उसे तत्काल काम भी दिया जा रहा है, तालाब को तैयार मजदूरों के लिए तालाब खोदने की कई फायदे हैं, इससे एक ओर जहां जल संरक्षण की व्यवस्था होगी वहीं दूसरी ओर मजदूरों को काम भी मिल रहा है, मजदूर जल्दी सुबह काम अपना शुरू कर देते हैं, इसमें महिला मजदूर भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं, मजदूरों के जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिससे कि मस्टररोल के बाद उनका वेतन उन्हें मिल सके, काम मिल जाने से मजदूर काफी खुश है गौरतलब है कि पहले ₹182 रोज मजदूरी मिलती थी जो अब बढ़कर ₹202 हो गई है, इसके अलावा लगातार मजदूरों का पंजीयन कराया जा रहा है ग्राम प्रधान अपने स्तर पर मजदूरों को राहत दे रहे हैं, रक्सा इलाके में बड़ी संख्या में मजदूर मनरेगा का काम कर रहे हैं, ग्राम प्रधान शोभा मिश्रा और उनके प्रतिनिधि लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, मजदूर किस तरह से काम कर रहे हैं उन्हें क्या दिक्कतें आ रही हैं और क्या वह बेहतर कर सकते हैं, लगातार मिल रही काम से मजबूर काफी खुश हैं,