झांसी : शासन के निर्देश पर जनपद के नगरीय क्षेत्र में स्थित वाल्मीकि मन्दिर नगर निगम परिसर, सिद्देश्वर महादेव मन्दिर, लक्ष्मी गेट बाहर स्थित काली माता मन्दिर, कानपुर हाईवे स्थित सखी के हनुमान मन्दिर एवं मड़िया महादेव मन्दिर तथा जनपद की तहसील क्षेत्रान्तर्गत तहसील मऊरानीपुर में धनुषधारी मन्दिर, तहसील मोंठ परिसर में हनुमान मन्दिर, तहसील टहरौली में लक्ष्मण महाराज मन्दिर, तहसील गरौठा में मोहल्ला रामनगर स्थित श्रीराम राजा मन्दिर एवं विकासखण्ड गुरसरांय में नरसिंह भगवान/राम जानकी मन्दिर में दीप प्रज्जवलन/दीपदान के साथ-साथ महर्षि वाल्मीकि रामायण का पाठ भी किया गया। उत्साह एवं उमंग इसी क्रम में झांसी नगर निगम परिसर स्थित वाल्मीकि मन्दिर में पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ महर्षि बाल्मीकि की जयन्ती व रामायण पाठ का आयोजन किया गया। सिद्ध पीठ भगवान बाल्मीकि मंदिर टोरिया मोहल्ला हंसारी, बाल्मीकि उद्यान नगर निगम परिसर तथा गल्ला मंडी रोड तालपुरा स्थित श्री श्री 1008 भगवान महर्षि बाल्मीकि मंदिर में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ समारोह संपन्न हुआ। महापौर बिहारी लाल आर्य ने नगर निगम स्थित बाल्मीकि मंदिर में महर्षि बाल्मीकी जयंती एवं रामायण पाठ कार्यक्रम का शुभारम्भ महर्षि बाल्मीकी के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर पूजा अर्चना की। उन्होंने आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकी जी अपने बचपन में धार्मिक कार्यों से बहुत दूर रहे, परन्तु जब उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ तब प्रभु श्री राम के शरण में चले गये और प्रभु की भक्ति में लीन हो गये। उन्होंने कहा कि प्रभु की भक्ति और आत्मशक्ति से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। महर्षि बाल्मीकी जी के जयन्ती के अवसर पर हम उनके जीवन दर्शन को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं। कलाकारों द्वारा महर्षि महर्षि वाल्मीकि जयंती का यह कार्यक्रम पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के कलाकारों द्वारा महर्षि वाल्मीकि रामायण पाठ, भजन व भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में वाल्मीकि जी की जयंती के अवसर पर जनपद के तहसील मऊरानीपुर में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर नगर के प्रमुख श्री 1008 श्री शांतिनिकेतन धनुषधारी आश्रम महाराज मंदिर के प्रांगण में उपजिलाधिकारी श्वेता साहू एवं अधिशासी अधिकारी सर्वेश कुमार के निर्देशन में सुंदरकांड का संगीतमय पाठ पंडित धीरेंद्र पस्तोर एवं भजन मंडली के द्वारा संपन्न कराया गया।