रेलवे के फर्जी अधिकारियों को पकड़ने वाले मृदुल को दिल्ली में मिला पुरस्कार, झांसी का नाम किया रोशन

samwadbundelkhand.com | Updated : 21/12/24 14:59 PM

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JHANSI

नई दिल्ली/झाँसी, झांसी निवासी मृदुल मित्तल को अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है ,विशेष कार्य अधिकारी {टिकट चेकिंग} रेलवे बोर्ड के पद पर मृदुल काफी समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, मृदुल ने बीते दिनों कई फर्जी रेलवे अधिकारियों को पकड़ा है, साथ ही अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं, जिसकी वजह से ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की कीमती कमाई बची है, साथ ही रेलवे को हो रहे राजस्व के नुकसान में भी फायदा मिला है, फल फूल रहा था काला नेटवर्क मथुरा, दिल्ली, भोपाल, लखनऊ जैसे इलाकों में चलती ट्रेन के भीतर फर्जीबाड़ा किया जाता था, इस बात की जानकारी मिलने के बाद मृदुल मित्तल ने एक टीम डिजाइन की, टीम ने बाकायदा पहले पूरा प्लान किया, जिसमें सामने आया कि हापुड़ ग्वालियर गुजरात जैसे इलाकों के चार अलग-अलग लोग आए दिन ट्रेन में सफर करते हैं, यह लोग एडवांस में रेल टिकट निकाल कर यात्रा करते थे और रास्ते में फर्जी रेलवे अधिकारी, विजिलेंस अधिकारी बनकर आम जनता की कमाई को गुमराह कर ठग लेते थे, अधिकारी नहीं पहचान पाए फर्जी विजिलेंस जब इन लोगों को पकड़ा गया तब सामने आया की फर्जी काम को अंजाम देने के लिए अवैध आईडी कार्ड और रसीद बुक समेत कई सारी फर्जी वस्तुएं उपयोग में लाई जाती थी, कभी नौकरी देने के बहाने, कभी टेंडर दिलाने के बहाने रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों को भी गुमराह किया जाता था, छोटे स्टेशनों पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारी फर्जी काम करने वाले फ्रॉड विजिलेंस अधिकारी के रुतबे को देखकर कुछ समझ नहीं पाते थे और उनके झांसे में आ जाते थे, जिसकी वजह से अवैध धंधा जोरों पर चल रहा था बिहार का टिकट बदलू गैंग कुछ दिनों पहले मृदुल मित्तल ने बिहार के समस्तीपुर से कई लोगों को गिरफ्तार करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, यह लोग जनरल टिकट के नाम पर फर्जी बाजार चलाते थे, जिसमें समस्तीपुर स्टेशन से छोटी दूरी का सस्ता टिकट लेकर उस टिकट पर काफी दूर के स्टेशन को प्रिंटर, मुहर के माध्यम से अंकित कर लेते थे और बाद में भोले भाले रेल यात्रियों को फर्जी टिकट थमाकर उनसे पूरे पैसे ले लेते थे, जिसकी वजह से यात्री को तब परेशानी होती थी, जब रास्ते में उसका टिकट चेक होता था और गलत पाए जाने पर कई लोगों को जेल भी जाना पड़ा था, पहले भी मिला सम्मान झांसी के बडा बाजार में रहने वाले विवेक प्रकाश मित्तल के सुपुत्र मृदुल मित्तल 1999 से रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे है, मृदुल को बचपन से ही देश की सेवा करने का जज्बा सपना बना हुआ था, मेहनत से पढ़ाई करने के बाद मृदुल का चयन रेलवे में हुआ, बीते 25 सालों से लगातार ऑल इंडिया स्तर पर रेलवे में टिकट चेकिंग का काम मृदुल कर रहे हैं, मृदुल को बीते वर्ष चेयरमैन रेलवे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था और इस वर्ष केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार 2024 देकर झांसी के इस बेटे को सम्मानित किया है, रेल यात्रियों को सबक मृदुल मित्तल बताते हैं कि रेल यात्रा के दरमियान कोई भी अधिकारी आपका टिकट चेक करने के लिए आता है तो सतर्क रहें कि आपका टिकट न बदला जाए, इसके अलावा टिकट चेक करने वाले बड़े से बड़े अधिकारी का आई कार्ड देखना कोई गलत बात नहीं है, आई कार्ड को ऑनलाइन चेक भी किया जा सकता है, गौरततलब है कि रेलवे अधिकारियों के ऑनलाइन डाटा व्यवस्था में भी मृदुल की सलाह को स्थान दिया गया है, पिता ने सिखाया सच्चाई का पाठ मृदुल के पिता स्वर्गीय विवेक प्रकाश मित्तल अब इस संसार में नहीं है, लेकिन पिता विवेक प्रकाश की बात हर वक्त मृदुल को याद रहती है, सच का रास्ता थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन मंजिल शानदार जानदार होती है, मेहनत के साथ अपने काम को अंजाम दो काम को पूजा समझो यही मृदुल के पिता ने उन्हें सिखाया है,



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