UP. महोबा.सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गोवंश की दुर्दशा देखकर गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशालाओ का निर्माण कराया और गायों के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकारी हुकमरानों को सौंपी जिससे गौवंशो की सही ठंग से रख रखाव की व्यवस्था हो सके लेकिन इसके उलट चरखारी विकास खंड के ग्राम अस्थाैन में बनी गौशाला दुर्दशा देख आपकी आँखे गमगीन हो जायेगी। जहाँ पर गौशालाओं के लिए करोड़ों रुपए का बजट भी आवंटित किया, परंतु यहाँ पर भूख व प्यास से गौवंश म्रत अवस्था मे पड़े हुये हैं, जिनको कुत्ते नोच कर खा रहे थे । कभीकभार ही आते हैं ग्राम सचिव चरखारी विकासखंड के अस्थौन गांव में गोवंश की मौत पर जब विश्व हिंदू महासंघ गौ समिति के जिलाध्यक्ष हरिओम चौरसिया, गर्जन सिंह परमार, वीर विक्रम सिंह महामंत्री के साथ जब कार्यकर्ता अस्थौन गौशाला पहुंचे, तो वहां गौवंश पर दम तोड़ चुका था। और उसके पेट से पीली पन्नी निकली हुई स्पष्ट दिखाई दे रही थी। कार्यकर्ताओं ने जब गौशाला के केयरटेकर को बुलाया तो उसमें गौशाला का ताला खोल गौशाला के अंदर प्रवेश किया। जहां का मंजर देख कर यह लोग हक्का-बक्का हो गए। और गौशाला के केयर टेकर ने बताया कि बिना पोस्टमार्टम के ही जब गौवंशो की म्रत्यु हो जाती है तो फेक दिया जाता है वही आखिरी सांस लेते हुए भी कुछ गौवंश पड़े मिले ग्रामीणों ने बताआ यहाँ पर डॉक्टर तो कभी शायद इलाज के लिए पहुचे ही नही है तभी ग्राम प्रधान ज्ञान सिंह भागते हुए आये और अभद्र भाषा मे गौसेवकों से बात करने लगे और कहा कि, मेरा कार्यकाल समाप्त हो चुका है मैं तो गांव की फसलों की सुरक्षा के लिए जो भी बनता है देखरेख करता हूं। ग्राम सचिव हिमांशु अग्रवाल महोबा में निवास करते हैं और वह कभी-कभी आते हैं। आखिर लापरवाहों पर कार्यवाही कब जब पालनहार निर्मोही हो जाएंगे तो गोवंश के साथ अनहोनी तो होगी ही। गौशाला में अव्यवस्था का बोल बाल है भूख व प्यास से लगातार दम तोड़ रहे हैं गौवंश के लिये गौशाला में न बिजली, है और नही पानी है सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार का करोड़ो रूपये आखिर जा कहा रहा है ग्राम प्रधान के 5 वर्ष पूरा होगया फिर भी गौशाला में पानी तक कि व्यवस्था नही है । ग्राम प्रधान का कहना है कि,मेरा कार्यकाल समाप्त हो चुका है अब मेरी गौवंशो की कोई जिम्मेवारी नही है। इस पूरे मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को देदी गई है देखना यह है की लापरवाही बरतने वालो पर कोई कार्यवाही होती है या फिर इसी तरह सरकारी पैसे का बन्दर बाट चलता रहेगा।