झांसी, कोरोना महामारी में पूरे विश्व को प्रभावित किया, हिंदुस्तान में भी लगातार हालत बिगड़े, लेकिन यहां की जनता ने रिकवरी भी काफी जल्दी की, झांसी जिले में एक वक्त ऐसा आया था, जब लॉकडाउन फर्स्ट - लोक डाऊद टू में एक भी मरीज ढूंढे नहीं मिल रहा था, उसके बाद मरीजों की लगातार संख्या बढ़ती गई, हालात बेकाबू होते गए, डीएम ने संभाली कमान झांसी जिला अधिकारी आंद्रा वामसी और उनके सहयोगियों ने हालात को बेहतरीन तरीके से संभाला, एक तरफ जहां शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने झांसी में testing lab बनवाई तो दूसरी तरफ L1, L2, l3 के अस्पताल डिवेलप किए गए, लगातार टेस्टिंग की वजह से मरीज जल्द सामने आए और अब हालात काफी बेहतर हुए हैं, शनिवार को जो परिणाम सामने आए उसके हिसाब से 38 मरीज पॉजिटिव पाए गए, जबकि rt-pcr के माध्यम से 1178 और एंटीजन के माध्यम से 3000 से ज्यादा टेस्ट किए गए, अब तक कुल 166 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है, कुल 8401 मरीज अब तक सामने आए हैं,7500 से ज्यादा मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं, सीएफआर 1.9 और रिकवरी रेट 95 फ़ीसदी से भी ज्यादा है, यह इस बात का गवाह है कि झांसी किसी भी आपदा से निपटने के लिए एकजुट हो जाती है और हालात बेहतर परिणाम सकारात्मक आने लगते हैं, सड़क पर उतरे डीएम आज हालात काफी बेहतर है यह देखकर हमें खुशी होती है लेकिन यह इतना आसान नहीं था, एक वक्त वह भी था जब लॉकडाउन के दौरान आम जनता सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करते हुए बंदी के बावजूद घर से बाहर निकलती थी, तब डीएम झांसी खुद मोर्चा संभालते थे, लोगों को समझाते थे, तत्कालीन एसपी सिटी राहुल श्रीवास्तव उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर मोर्चे पर नजर आते थे, तत्कालीन सीडीओ निखिल टीकाराम, सिटी मजिस्ट्रेट सलिल पटेल, तत्कालीन सीओ सिटी संग्राम सिंह ऐसी टीम थी जो हर वक्त आम जनता के बीच रहती थी, इन सभी अधिकारी और उनके सहयोगियों ने झांसी की जनता के लिए बहुत कुछ किया है, जिसका आम जनता लगातार आभार करती है,