"कुंभकार सशक्तीकरण योजना’’ 3 हजार रूपए प्रति माह अब बढ़ाकर 12 हजार

samwadbundelkhand.com | Updated : 07/10/20 04:24 AM

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Jhansi

झाँसी, घर में शुभ कार्य हो या फिर शादी-बारात या फिर दीपावाली -छठ का त्यौहार कुम्हार के यहां बनने वाली मिट्टी के उत्पाद सभी शुभ कार्यों के लिए अहम होता है। प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि देश की प्राचीन कला सशक्त हो, और हर व्यक्ति अपने हुनर से भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे, इसी दिशा में ‘‘कुम्हार सशक्तीकरण योजना’’ एक बहुत महत्वपूर्ण योजना की शुरूआत कर कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। खादी ग्रामोद्योग आयोग के मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने विकास भवन सभागार में ""कुम्हार सशक्तिकरण योजना" की समीक्षा करते हुए व्यक्त किए कि केन्द्र सरकार ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के माघ्यम से कुंभकार सशक्तीकरण योजना को नई रफ्तार दी है ताकि कुंभकार समुदाय( प्रजापति समाज) को आत्मनिर्भर भारत अभियान में अलग पहचान मिल सकें। सरकार की मंशा हमारी प्राचीन संस्कृति को पनुर्जीवित रखा जाए। परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देकर कुटीर उद्योग स्थापित किए जाए। सरकार का मानना है कि कुंभकार समुदाय भारतीय शिल्पकला के वाहक हैं हमारे कुंभकार को तकनीकी से जोड़कर हम उनके जीवन को सुगम बना सकते है, और उनकी उत्पादन क्षमता को बढा सकते है। कुम्हार मिट्टी के बर्तनों की परम्पारिक कला को जिन्दा रखे हुए है। कुंभकार समुदाय को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे है। और यह समुदाय विशेष को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। खादी ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार देश में करीब चार करोड़ कुंभकार समुदाय के लोग है। जिसमें से 17 हजार विद्युत चाक बांटे और लोगों को प्रशिक्षित किया जिसमें 75 हजार लोगों को ‘‘ कुम्भकार सशक्तीकरण योजना ’’ का सीधा लाभ मिल रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग की कुम्भकार सशक्तीरण योजना के तहत कुम्हारों की औसत आया तीन हजार रूपए प्रति माह हो रही है। सरकार की योजना से अब इतना ही नहीं इस आय को बढ़ाकर 12 हजार रूपये प्रति माह की रही है। इस योजना का लक्ष्य भारत की परम्परा को सशक्त बनाना और कुम्भकार समुदाय को( प्रजापति समुदाय) विकास की मुख्य धारा में वापिस लाना है। कुम्हारी कला योजना की भी शुरूआत कुम्भकार समुदाय के विकास के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कुम्हारी कला योजना की भी शुरूआत की है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में जनपद मे 19 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। जिसमें सभी लाभार्थियों को शत प्रतिशत चाक उपलब्ध करा दिया गया है। इस चालू वित्तीय वर्ष में 14 लाभार्थियों को निशुल्क विधुत चलित चाक का वितरण किया गये हैं, इसके अतिरिक्त 25 नए लाभार्थियों का चयन इस सप्ताह कर लिया गया है जिन्हें शीघ्र ही विद्युत चलित चाक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इस मौके पर राकेश कुमार श्रीवास्तव जिला ग्रामोद्योग अधिकारी आर पी गौतम सहित अन्य उपस्थित रहे।



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