विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश एवं ऊर्जा प्रबंधन के बीच द्विपक्षीय वार्ता विफल, संघर्ष जारी रहेगा।

samwadbundelkhand.com | Updated : 03/10/20 05:42 AM

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Jhansi

बिजली के निजीकरण से आमजनमानस व किसान ही नही, अपितु उद्योग में भी बिजली दरों के बढ़ने से आर्थिक संकट देश में और पैर पसारेगा । आज दिनांक 03-10-2020 अपरान्ह 02 बजे से 05 तक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि॰ के विघटन व निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में आज 34 वें दिन माताटीला हाईडिल कॉलोनी स्तिथ कार्यालय मुख्य अभियंता (वि॰) झाँसी के प्रांगण में विरोध सभा जारी रही। जिसमें झाँसी जनपद के विद्युत विभाग के समस्त अधिकारियों, अवर अभियंता एवं कर्मचारियों द्वारा सहभाग किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए अधिशाषी अभियंता इ० नेहा सिंह ने कहा कि सरकार निजीकरण करके पूंजीवाद का पुनः देश मे उदय कर रही है, और आजादी से पूर्व की भांति रियासतीकरण करने का प्रयास कर रही है, जिसका हम पुरजोर विरोध कर रहे हैं, और आखिरी सांस तक विरोध करते रहेंगे। इ०, सौरभ निगम, उपखंड अधिकारी ने विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि० का निजीकरण सिर्फ परीक्षण के तौर पर किया जा रहा है जबकि सरकार की मंशा देश के हर विद्युत वितरण निगम को बेचने की है। हमे जनता को, आमजनमानस को, किसानों को निजीकरण के दुष्प्रभावों के बारे में बताना पड़ेगा। विरोध सभा को संबोधित करते हुए इ० अनिल सागर, सहायक अभियंता ने कहा कि विभाग में जो भी घाटा है वो प्रबंधन की नीतियों की वजह से है। ऐसा क्या हुआ जो विभाग का घाटा सन 2000 में बिजली बोर्ड के विघटन के दौरान जो शुद्ध घाटा 77 करोड़ था आज 90 हजार करोड़ से ऊपर चला गया है। सभा को संबोधित करते हुए सभा अध्यक्ष इ० शैलेन्द्र कटियार, अधिशाषी अभियंता ने कहा कि सरकार व उच्च प्रबंधन को लगता है कि हम लोग विद्युत उपकेंद्रों पर तोड़फोड़ करेंगे, उपद्रव करेंगे जबकि ऐसा नही है, यह विभाग हमारा घर है कोई अपने घर मे तोड़फोड़ या उपद्रव करता है क्या ? आज नही तो कल इस विभाग को हमें ही चलाना है इसका ख्याल रखना है। हम जो भी संघर्ष करेंगे शांतिपूर्ण ठंग से अहिंसावादी रूप में करेंगें। *आज ऊर्जा के शीर्ष प्रबंधन प्रमुख सचिव ऊर्जा महोदय व विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच आंदोलन के संम्बध में लखनऊ शक्ति भवन में द्विपक्षीय वार्ता हुई, जो कि विफल हो गयी। समिति द्वारा आंदोलन को लगातार चलाने का आह्वान किया है।* विरोध सभा में अधिशासी अभियंता इ॰ रविंद्र बाबू, इ॰ शैलेंद्र कटियार, इ॰ राजवीर सिंह, इ॰ अनुभव कुमार, इ॰ डी॰यादवेंदु, इ॰ ए॰के॰माथुर, सहायक अभियंता इ॰ चंद्रेश तोमर, इ॰ शोभित दीक्षित, इ॰ शैलेंद्र सिंह, इ॰ चारु यादव, इ॰ सुनील, इ॰ धर्मेंद्र, इ॰ धर्मवीर, इ॰ कन्हैया लाल, इ॰ सीमा वर्मा, इ॰ दिनेश मौर्य, इ॰ सौरभ निगम, इ॰ योगेश त्रिपाठी, इ॰ आलोक प्रकाश, इ॰ गौरव शर्मा, श्री अनिल सागर, अवर अभियंता इ॰ सुनील कुमार, इ॰ जगजीत सिंह, इ॰ रोहित, इ॰ एम॰एम॰सिद्दीक़ी इ॰ अखिलेश, इ॰ सुमन, इ॰ वर्षा, इ॰ मनीष, इ॰ अमित, इ॰ पुष्पेंद्र, इ॰ दीपा, इ॰ राम नरेश, इ॰ माहेश्वरी, इ॰ पूजा, इ॰ नेहा, इ॰ शालिनी, इ॰ रामकुमार, इ॰ उमेश एवं कर्मचारिगण कार्यालय सहायक श्री सुमन्त चतुर्वेदी, श्री निशित श्रीवास्तव, श्री अजीत, श्री कुलदीप, श्री रणजीत, श्री रवि निरंजन, श्री रवि तिवारी, श्री जितेन्द्र कुमार, श्री वरुण चतुर्वेदी, श्री कृष्णा गोपाल, श्री शिखर, श्री उमेश, श्री शमीम, श्री रामअवतार, श्री प्रमोद, श्री आशीष, श्री सतीश कुमार, श्री कालका, श्रीमति नीलम, श्रीमति ज्योति, श्रीमति हेमलता, श्रीमति नंदिनी, कु॰ फौजिया, श्री दिलीप, श्री बलदेव, श्री नवाब, श्री निहाल, श्री सूरज, श्री धर्मेंद्र, श्री दिलीप, श्री प्रह्लाद, श्री सुरेंद्र साहू, श्री ज्ञान प्रसाद, श्री अनिल पाल, श्री अभय, श्री अभिषेक ओझा, श्री अविनाश सेंगर, श्री अरविंद साहू, श्री साहिद अली आदि समस्त कार्मिक उपस्तिथ रहे। सभा की अध्यक्षता इ॰ शैलेंद्र कटियार ने की व संचालन क्षेत्रीय अध्यक्ष, बिजली कर्मचारी संघ झाँसी श्री राम अवतार ने किया।



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