कोरोना संकट के बीच जनसंख्या विस्फोट का खतरा, विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर टिप्स- नसबंदी कराएं और पैसे पाएं

samwadbundelkhand.com | Updated : 25/09/20 04:13 AM

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Jhansi

झाँसी, गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरूकता लाने और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए 26 सितंबर को दुनिया भर में ‘विश्व गर्भनिरोधक दिवस’ मनाया जाता है। विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर जिला महिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर स्टाल लगाकर गर्भ निरोधक संसाधनों के बारे में बताया और जागरूक किया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी के निगम ने दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्साधिकारियों को पत्र लिख कर दिशा-निर्देश दिया है कि 26 सितंबर को विश्व गर्भ निरोधक दिवस का सफल आयोजन करवाएं। इस अवधि में सीएचसी, पीएचसी, एएनएम सब सेंटर और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन से जुड़ी सामग्री की शत प्रतिशत उपलब्धता होनी चाहिए। वर्तमान में कोरोना संकट से लोग परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ॰ एन के जैन ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संकट से लोग जूझ रहे है, ऐसे में जनसंख्या विस्फोट भी एक ऐसा संकट है जिसके लिए लोगों जागरूक रहना चाहिए। इस समय लोग परिवार नियोजन सेवाओं से अपना मुंह न मोड़े, और इन्हे अपनाते रहे। कोरोना समस्या के साथ ही पहले से ही चली आ रही जनसंख्या वृद्धि की समस्या को भी समझे, और सीमित परिवार की तरफ हमारा रुझान बनाए रहे। इस वक्त कोरोना महामारी की रोकथाम में पूरा महकमा लगा हुआ है। जिसकी वजह से परिवार नियोजन सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चल पा रही थी, जिला अस्पताल से ले गर्भ निरोधक अब जिला अस्पताल के साथ-साथ समस्त सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम की पर्याप्त उपलब्धता है। गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा की भी शुरुआत कर दी गई। इसके अलावा प्रसव पश्चात कॉपर टी (पीपीआईयूसीडी), कॉपर टी (आईयूसीडी) की भी सुविधा सभी प्रसव इकाइयों में शुरू है। एंटीजन विधि से कोरोना जांच के बाद होगी नसबंदी, कोरोना काल में परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी की सुविधा भी जिले में बहाल कर दी गयी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिशा-निर्देश दिया है कि नसबंदी की सेवा लाभार्थियों को कोरोना के एंटीजन विधि से जांच के बाद ही प्रदान की जाए। जनपद का आंकड़ा अपर शोध अधिकारी राजबृजेन्द्र सिंह से मिले आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 तक 73 महिलाओं ने नसबंदी कराई, 565 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 697 ने आईयूसीडी अपनाया, 237 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाएँ। वही 1412 छाया गोली, 14562 ओरल पिल, 3130 ईसी पिल का प्रयोग महिलाओं के द्वारा किया गया। जबकि एक भी पुरुष नसबंदी नहीं हुयी। नसबंदी से नहीं आती कमजोरी परिवार नियोजन को लेकर महिला-पुरुष का बड़ा अंतर भ्रांतियों की वजह से है। जागरूकता की कमी से पुरुष नसबंदी नहीं कराते। समय-समय पर अभियान, शिविर व कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया जाता है। कुछ पुरूषों का मानना है कि नसबंदी कराने से शारीरिक दिक्कतें आती हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। लोगों को मन से भ्रांति निकालकर परिवार नियोजन में आगे आना चाहिए। गर्भनिरोधक अपनाने पर प्रोत्साहन स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ॰ विजयश्री शुक्ला ने बताया कि गर्भनिरोधक साधनों को अपनाने पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिसमें पुरूष नसबंदी पर 2000 रुपये, महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 1400 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं प्रसव पश्चात नसबंदी के लिए महिला लाभार्थी को 2200 रुपये दिये जाते है जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात (स्वतः व सर्जिकल) उपरांत आईयूसीडी के लिए लाभार्थी को 150-150 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।



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