झाँसी, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और किसान की उन्नति से ही देश की उन्नति सम्भव है। प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य वर्ष 2022 तक किसानों का आय को दोगुना करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "मुख्यमंत्री जल बचाओं अभियान" से पूरा करने का संकल्प लिया और "एक गांव-एक तालाब" की संरचना तैयार करते हुये युद्वस्तर पर कार्य प्रारम्भ कराया गया। जरूरी है तालाब मनरेगा की तालाब खुदाई/जीर्णोद्वार व गहरीकरण योजना से न केवल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला बल्कि जल संरक्षण को भी बल मिला है। इसके लिए जनपद में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कम से कम एक तालाब निर्माण के साथ ही जीर्णोद्वार व तालाब गहरीकरण का लक्ष्य रखा गया और कार्य प्रारम्भ कराया गया। गांव में तालब निर्माण से जहां एक ओर पलायन को रोका वही गांव में जो सामाजिक असंतुलन पैदा हो रहा उसे भी रोका जा सका। लेकिन वास्तविकता यह भी है कि बिना पानी के गांव में रुककर समय बर्बाद नही किया जा सकता। यदि गांव में वर्षा के पानी को रोका जाये और पानी बैंक बनाया जाये तभी जीवन सार्थक होगा। इसके लिये जनपद में अनेकों ऐसे तालाब चिन्हित किये गये जहां पानी अधिक संरक्षित हो सकता है, गहरीकरण व जीर्णोद्वार का कार्य प्रारम्भ जनपद के 8 विकास खण्डों में तालाबों को चिन्हित करते हुये उनका जीर्णोद्वार/गहरीकरण कराया साथ ही नये तालाबों पर कार्य भी कराया गया। विकास खण्ड बबीना में 43 तालाबों का जीर्णोद्वार व गहरीकरण का कार्य कराया गया, इस कार्य में जहां 41413 मानव दिवस सृजन हुआ वही कार्य में 83.25 लाख की धनराशि व्यय की गयी। उन्होने बताया कि विकास खण्ड बड़ागांव में 39 तालाबों को टेकअप करते हुये महरीकरण व जीर्णोद्वार कार्य कराया, इस कार्य में 40357 मानव दिवसों का सृजन हुआ और 79.37 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड बामौर में 52 तालाबों का गहरीकरण/जीर्णोद्वार कराया गया, इस कार्य में 63256 मानव दिवस सृजित हुये और 123.96 लाख की धनराशि व्यय की गयी। भूगर्भ जलस्तर में बढ़ोत्तरी जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि गहरीकरण व जीर्णोद्वार के कार्यो से क्षेत्र का भूगर्भ जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी और खेत की मिटटी में नमी के साथ उर्वरक शक्ति भी बढ़ेगी। गांव में पानी की उपलब्धता से किसान परम्परागत खेती के साथ अन्य फसल भी ले सकेगे। जिससे उनकी आय में इजाफा होगा। विकास खण्ड बंगरा में 41 तालाब को टेकअप किया गया। इनका गहरीकरण व जीर्णोद्वार में 52446 मानव दिवस सृजित हुये और 101.49 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड चिरगांव में 26 तालाबों को चिन्हित करते हुये उनका जीर्णोद्वार व गहरीकरण कार्य कराया गया, इस कार्य में 18622 मानव दिवस सृजित हुये और 37.90 लाख की धनराशि खर्च की गयी। विकास खण्ड गुरसरांय में 58 तालाबों को गहरीकरण व जीर्णोद्वार के लिये टेकअप किया गया और 54031 मानव दिवस सृजित किये गये। उक्त कार्य में 103.95 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड मऊरानीपुर में 29 तालाबों को चिन्हित करते हुये गहरीकरण व जीर्णोद्वार कार्य कराया गया तथा इस कार्य में 29530 मानव दिवस सृजित तथा 60.71 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड मोंठ में 37 तालाबों को टेकअप करते हुये गहरीकरण व जीर्णोद्वार कार्य कराया गया। उक्त कार्य में 23895 मानव दिवस सृजित तथा 49.10 लाख की धनराशि व्यय हुई।