भाई के सैकड़ों हाथ देखकर हजारों बहने गदगद, जीवन की अंतिम सांस तक यह वादा निभाएंगे दीपक

samwadbundelkhand.com | Updated : 03/08/20 03:03 AM

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Jhansi

झांसी, 1000 धर्म बहनों के भाई दीप नारायण सिंह यादव ने अपने सैकड़ों हाथों से सोशल डिस्टेंस का पालन भी करवाया अपने धर्म बहनों से राखी भी बंधबाई, बहनों की रक्षा करने का आश्वासन भी दिया, उन्हें उपहार भी भेंट किए और सब कुछ सोशल डिस्टेंस के दायरे में हुआ, दीपक ने अपनी सभी 1000 बहनों की सूची बनाकर अलग-अलग गांव में अपने प्रतिनिधि भेज कर, बहनों से वीडियो संवाद भी किया चार बहनों ने आकर उन्हें राखी बांधी, दीपक ने सभी 1000 बहनों के पास अपना संदेश भेज दिया है, जिसमें बताया गया कि कोविड-19 की वजह से बड़ा आयोजन नहीं किया गया है, बड़ा आयोजन कोविड-19 पर अंकुश लगते ही किया जाएगा, इस साल कुछ कमी रही दीपक ने बताया कि सीधे संवाद में बहनों की परेशानी को पूछ लिया करते थे उसका निस्तारण हो जाता था, जो इस बार कुछ फर्क लग रहा है, हर समाज में मेरी धर्म बहने हैं, 2005 के पहले बुंदेलखंड में सूखे की वजह से काफी दिक्कत थी जरूरतमंद लोगों के बच्चों की शादी नहीं हो पा रही थी, उस दरमियान दीपक के मन में यह विचार आया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन के माध्यम से लड़कियों की शादी हो सकती है, इसके बाद बड़े पैमाने पर आयोजन किया गया, इस आयोजन में सैकड़ों बहनों का कन्यादान किया गया और आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को बगैर परेशानी के शादी संपन्न करने का अवसर मिला, दीपक ने स्पष्ट कहा था कि आप सिर्फ वर चुन लीजिए शादी की पूरी जिम्मेदारी मेरी है, पहले आयोजन की सफलता से रास्ता खुलता गया और वक्त वक्त पर सामूहिक विवाह सम्मेलन होते रहे लाखों लोगों की नियंत्रित भीड़ को व्यवस्थित करते हुए शादियां संपन्न हुई, दीपक ने कहा कि मेरे साथ एक हजार से ज्यादा बहनों का आशीर्वाद है, हर बहन सपना देखती है मैं ग्रामीण परिवेश से निकल कर आया हूं गांव की स्थिति जानता हूं गांव की परेशानियां जानता हूं, लड़कियों की बच्चियों की, बहिनों की इच्छा जानता हूं कि सभी बहिन चाहती हैं कि उनकी शादी धूमधाम से हो, लेकिन जब बहने यह देखती हैं कि उनके मां-बाप कर्ज में डूबे हुए हैं तब उनके सपने तार-तार हो जाते हैं, तब वह कहती है कि मेरी शादी कैसी भी हो जाए लेकिन मेरे मां-बाप ठीक रहे, तब मेरे मन में विचार आया कि उस बहन का कोई कसूर नहीं है और उसे भी शानो शौकत के साथ शादी का अनुभव मिलना चाहिए, उसके बाद मैंने बेहतर से बेहतर इंतजाम किया जिसको देखकर मैंने अपनी धर्म बहनों की आंखों में एक नई चमक महसूस की, बहुत मुश्किल था सब कुछ परिस्थितियां मेरे माकूल नहीं थी फिर भी मैंने किसी भी शादी में कोई कमी नहीं छोड़ी अच्छे से अच्छा इंतजाम मेरी प्राथमिकता रहा, हर आयोजन में एक लाख से ज्यादा लोग भी खाना बना मेरी उन्नति मेरी सफलता में मेरी बहनों का आशीर्वाद बहुत अहम है मैं जब तक जिंदा हूं तब तक अपनी बहनों के लिए कुछ ना कुछ करता ही रहूंगा मैंने अपनी धर्म बहनों से कह रखा है कि तुम अपने जीवन में कभी निराश मत होना जब तुम्हारे जीवन के सारे रास्ते बंद हो जा तब भी तुम्हें याद रखना कि तुम्हारा एक भाई जिंदा है,



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