पिता के खून से भीगी रेल पटरी, आधी रात को 3 साल का मासूम पटरियों के बीच खोजने निकल पड़ा

samwadbundelkhand.com | Updated : 15/06/20 01:42 AM

Share via Whatsapp

Jhansi

झांसी, मऊरानीपुर इलाके में रक्त रंजित एक घटना ने सभी को हिला कर रख दिया, 3 साल के मासूम के पिता का शव रेल पटरी पर पड़ा हुआ था और मासूम अपने पिता को खोजने के लिए रेल पटरियों के बीच चल रहा था, करीब 11:57 पर मासूम पर आरपीएफ पुलिस की निगाह पड़ गई इसके बाद उसे रोका गया, बेसुध मासूम मिट्ठू अपने पिता की तलाश में चलता ही जा रहा था, आरपीएफ के सिपाहियों ने उसे रोक लिया, रात भर स्टेशन के आसपास 3 साल की मिट्ठू के परिजनों की तलाश की गई सूचना यहां से वहां दी गई लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका, गुस्से में निकला था पिता सोमवार की सुबह जानकारी मिली कि 1193 किलोमीटर पर एक शव पड़ा हुआ है, जिसकी पहचान अजय के रूप में की गई, अजय के परिजनों को जब इस बात की जानकारी दी गई, परिजनों ने मऊरानीपुर पहुंचकर बताया कि अजय अपने 3 साल के बेटे मिट्ठू को लेकर रात को गांव से चला आया था, रात भर से घरवालों उसे खोज रहे थे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली, कयास लगाया जा रहा है कि अजय और उसका बेटा मिट्ठू रेलवे ट्रैक के पास थे, इस दरमियान अजय किसी ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई, अपने सर से पिता का साया हमेशा के लिए चुका है इस बात से अनजान मिट्ठू पिता को तलाश रहा था, परिजनों ने बताया कि अजय एक शादी के लिए आया हुआ था और गुस्से में बेटे को साथ लेकर घर से निकल गया था, रात का मंजर रविवार की रात जब मऊरानीपुर सहायक स्टेशन मास्टर संजय सिंह पटेल अपने कर्मचारियों के साथ रात्रि ड्यूटी थे। लगभग 11:57 बजे पटरियों पर एक 3 वर्ष का मासूम बच्चा रोते बिलखते हुए मेलोनी रोरा की तरफ से पैदल चला आ रहा था। जिसे देख रेलवे के कर्मचारियों द्वारा उसे रोककर मासूम से पूछताछ की। लेकिन मासूम कुछ न बोल पाने की स्थिति में सुबह का इंतजार करना उचित समझा। सुबह सूचना मिली कि रोरा की तरफ ग्राम मेलोनी के पास पटरियों के किनारे एक युवक का शव पडा हुआ है। जिसकी सूचना कोतवाली प्रभारी सत्यपाल सिंह को दी। तत्काल सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुँचा। शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी। छानबीन में बताया गया कि मृतक अजय पुत्र मुलायम आदिवासी (29) निवासी खरो थाना लिधौरा मध्यप्रदेश अपनी छोटी साली की शादी में शामिल होने ग्राम मेलोनी आया था। शादी होने के बाद जब घर के लोग अपने अपने काम से फुर्सत होकर सोने की कोशिश कर रहे थे। तभी अजय अपने पुत्र मिट्ठू (3) को साथ लेकर घर से निकल आया । जहाँ ग्राम के पास से निकली पटरियों के किनारे बैठ गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि रात्रि के समय किसी मालगाड़ी की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी। रात्रि में अंधेरा अधिक होने और पिता की कोई आहट न मिलने की बजह से मासूम रोते बिलखते पिता की खोज में पटरियों पर पैदल ही निकल गया, चलते चलते रेलवे स्टेशन मऊरानीपुर जा पहुँचा। जहाँ रेलवे के कर्मचारियों को मासूम मिलने के बाद उन्होंने सुबह मासूम मिठ्ठू के नाना कन्हैया लाल आदिवासी को बुलाकर मासूम को सुपुर्द कर दिया। कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी। मिट्ठू की दूसरी जिंदगी माना जाता है कि जिसकी सुरक्षा खुद भगवान करता हो तो उसे कोई भी आंच नही आ सकती । कुछ यही हुआ मासूम मिठ्ठू के साथ हुआ। अगर रात्रि में कोई ट्रेन या माल गाड़ी निकली होती तो हो सकता था कि मासूम भी ट्रेन की चपेट में आ जाता। लेकिन वह बिल्कुल सुरक्षित है। मिट्ठू के सुरक्षित होने की परिवार को बेहद खुशी है लेकिन अजय की जान चले जाने का गम भी वह भुला नहीं पा रहे,



बुंदेलखंड

देश / विदेश