जान चली गई होती गर्भवती की अगर आईजी झांसी फोन न करते, दिया पुत्री को जन्म

samwadbundelkhand.com | Updated : 20/05/20 09:50 AM

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Jhansi

झांसी, देशभर में लॉक डाउन चल रहा है, प्रवासी मजदूर अपने कार्यस्थल को छोड़कर घर जाने को बेकरार है, असमंजस का आलम यह है कि मजदूर अपने बूढ़े मां-बाप, गर्भवती पत्नी, मासूम बच्चों को किसी भी हाल में घर पहुंचाना चाहते हैं, ऐसे ही एक मामले में गर्भवती की जान जाते-जाते बची, जौनपुर में रहने वाले किशन विश्वकर्मा अपनी गर्भवती पत्नी रुक्मणी के साथ ट्रक में सवार होकर मुंबई से लौट रहे थे, किशन और रुक्मणी की मंजिल थी ग्राम -घोसाव ,थाना-जलालपुर, जिला -जौनपुर, रास्ते में प्रसव दर्द मुम्बई बसई से ट्रक द्वारा अपनी पत्नी रुकमणी सहित घर लौट रहे किशन पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा, रास्ते मे रुकमणी की तबीयत खराब होने लगी तो एट टोल प्लाजा के पास सहायता खोजी गई, जानकारी पुलिस को मिली और दर्द की बात आईजी सुभाष बघेल तक पहुंच गई, आईजी को मालूम हुआ कि मजदूरों से भरे ट्रक में गर्भवती महिला है और उसकी हालत गंभीर हो गई है, आईजी ने तत्काल उरई पुलिस को फोन करके खास इंस्ट्रक्शन दिए, महिला को ट्रक से उतारकर प्राथमिक उपचार दिया गया और आईजी के निर्देश पर उसे झांसी लाया गया, बच्ची को दिया जन्म



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