झांसी, मऊरानीपुर के सिंचाई निर्माण खंड में इन दिनों सरकारी पैसे का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है, लाखों रुपए का पेमेंट बगैर काम कराए ही भुगतान कर दिया गया है, 28 सितंबर को 17 लाख रुपए का पेमेंट किया गया, जबकि धरातल पर ₹17 हज़ार का काम भी नहीं कराया गया है, इस काम में अधिशासी अभियंता की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है, ऐसे हुआ भुगतान जो बिल पेमेंट कराए गए हैं उनमें से एक बिल 244988 एक बिल ₹4914 एक बिल 1468517 एक बिल ₹30540 का पास किया गया है, यह बंदरबांट इतनी संजीदगी से किया गया है कि आला अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं हो पाई, संवाद बुंदेलखंड की टीम इस मामले की पूरी पड़ताल कर रही है, गलत तरीके से चार बिल पास किए गए हैं, जिसमें काम के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है, इसमें कुछ जूनियर इंजीनियर भी शामिल है, यह पेमेंट सीसीएल से ईपेमेंट कराया गया है, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अधिकारी के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह अपने आप को सर्व शक्तिमान मान चुका है, उसे इस बात की जानकारी है कि उसका चीफ़ अधिकारी झांसी में बैठता है और मुख्यालय महोबा में है, उन लोगों को इस बात की जानकारी नहीं मिलेगी, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार जिस तरह से काम कर रही है, उससे आम जनता को पूरा भरोसा है कि उनके पसीने की गाढ़ी कमाई को इस तरह से फिजूल में बर्बाद नहीं किया जाएगा,