घरों में नालियों का पानी, उबड़ खाबड़ सड़क, खंभों पर लाइट नहीं-ग्राम मुराटा

samwadbundelkhand.com | Updated : 09/02/21 02:12 AM

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Jhansi

रिपोर्ट-आयुष शुक्ला 9654606505 झांसी, ब्लॉक चिरगांव के ग्राम मुराटा में जब संवाद बुन्देलखण्ड की टीम पहुंची,तब ग्रामवासियों ने अपनी समस्याओं की बौछार कर दी । उनकी समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं है। अपनी समस्याएं बताएं भी तो किसे ? छिन्न-भिन्न सड़क कहीं सड़क नहीं,कहीं टूटी नाली जिसका गन्दा पानी सीधा ग्रामीणों के घरों में घुस रहा है । कहीं खम्बों पर तार है पर लाइट का कनेक्शन नहीं। ब्लॉक चिरगांव के ग्राम मुराटा की हालत बहुत जर्जर मिली । कुछ समस्याएं तो ऐसी हैं जिन्हें ग्रामवासियों को बताने की भी जरूरत नहीं थी । प्रवेश होते ही सिर्फ दिखाने भर की सड़क सही है । उसके बाद सीधे सड़क पर हम और आप चल तक नहीं सकते। लोगों के घरों में नालियों का पानी घुस रहा है । जिस की बदबू और कीचड़ की वजह से गांव की गलियों से निकलना दूभर सा लगता है। यह हालात तो इस मौसम में है बरसात के मौसम में तो इस रास्ते से निकलने का मतलब खुद को आफत में डालना है ऐसा कहना है ग्रामवासी ठाकुर दास का। हरि सिंह राजपूत ने बताया कि गांव से नदी की तरफ जाने का एक ही सीधा रास्ता है लेकिन उस रास्ते पर भी इतनी गंदगी और रास्ता इतना ज्यादा बेकार है कि आप वहां से जाना तो दूर वहां आप खड़े भी नहीं हो सकते। क्योंकि उस रास्ते पर नाली के पानी का भराव रहता है और रास्ते पर सिर्फ कचरा और कीचड़ है। सफाई कर्मी की व्यवस्था सफाई कर्मी भी गांव में ईद का चांद ही रहते हैं इस वजह से गांव में हर तरफ गंदगी नजर आती है लोग अपने घर के आस-पास की सड़क तो साफ कर लेते हैं पर बाकी जहां का तहां कचरा फैला रहता है ऐसा तेज सिंह ने बताया। एक अन्य ग्रामवासी जगदीश ने बताया कि गांव में प्रवेश होते हैं जो पक्की सड़क आपको बनी दिख रही है वह विधायक निधि द्वारा बनवाई गई है। उत्तम सिंह ने बताया कि गौशाला में जो लोग काम कर रहे हैं वह बाहर से बुलाए गए हैं गांव से नहीं जिससे गांव के लोगों को रोजगार नही मिल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उनके गांव के लोगों को मिलता ही नहीं। कुछ राहते भी हैं गांव में राशन सही मिलता है। कोटेदार से भी कोई समस्या नहीं है । पाठशाला में पढ़ाई निरंतर होती है। पीने के पानी की भी ऐसी कोई खास समस्या नहीं है बस सिंचाई के पानी की समस्या है। मिड डे मील भी बच्चों को मिलता है। उम्मीदें सरकारी आवास , शौचालय , वृद्धा पेंशन योजना , विधवा पेंशन योजना का लाभ लोगों को मिले। गांव में खंभों पर लाइट का कनेक्शन हो जाए। नालियां सही ढंग से बन जाए । गांव से नदी की तरफ जाने का रास्ता पक्का हो जाए । यही सब उम्मीदें गांव वाले मन में लगाए बैठे हैं । चुनाव के बाद अगले प्रधान से उनकी यही उम्मीदें हैं कि वे उन पर ध्यान दें और उनके गांव पर थोड़ा रहम करें।



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