वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए हर स्तर पर कड़ी मेहनत करने के निर्देश

samwadbundelkhand.com | Updated : 02/01/21 05:57 AM

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Jhansi

झाँसी, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल ने 2 जनवरी से 12 जनवरी 2021 तक चलने वाले "सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान" का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटली शुभारंभ किया। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर बीमारी है, यह हम सभी के लिए चुनौती बनी हुई है। इसे हटाने के लिए हमें सुनियोजित तरीके से कार्य योजना बनानी होगी। ग्राम प्रधानों जोडा जाये राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इस कार्य से ग्राम प्रधानों को जोड़ा जाए। ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी दें तथा मेरा गांव स्वच्छ गांव, मेरा गांव स्वस्थ गांव तथा मेरा गांव स्मृद्ध गांव की भावना के लिए प्रेरित करें। उन्होंने अभियान में महिलाओं को भी विशेष रूप से जोड़ने के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि उनकी प्रेरणा एवं प्रोत्साहन से इस अभियान को गति तथा नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि किसान, गरीब, महिलाएं एवं बच्चे सभी इस अभियान से जुड़े।उन्होंने अधिकारियों को 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए हर स्तर पर कड़ी मेहनत करने के निर्देश दिए। उन्होंने 18 वर्ष से कम उम्र के उपचारधीन बच्चों को गोद लेने की अपील करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश के पांच-पांच गांवों को गोद लें और इस अभियान को सफल बनाएं। 2 जनवरी से 12 जनवरी रोगी खोज अभियान सक्रिय रोगी खोज अभियान दिनांक 2 जनवरी 2021 से 12 जनवरी 2021 तक चलने वाले कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि अभियान में जनपद की लगभग 20% लक्षित आबादी(452625) का चयन करते हुए माइक्रोप्लान बना लिया गया है। उन्होंने बताया कि 3750 की आबादी पर एक टीम कार्य करेगी, टीम में 3 सदस्य रहेंगे जो घर-घर टीबी रोगियों को तलाशेगें। जनपद में कुल 120 टीमों का गठन किया गया है,शहरी क्षेत्र में 50 टीम तथा ग्रामीण क्षेत्र में 70 टीम कार्य करेंगी। टीम के सुपरविजन हेतु 24 सुपरवाइजर पर्यवेक्षण कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक टीम प्रतिदिन 75 घरों का भ्रमण करेगी और यह काम 10 दिन में पूर्ण किया जाएगा। अभियान का हो प्रचार प्रसार जिलाधिकारी ने बताया कि घरों में भ्रमण के दौरान यदि किसी व्यक्ति का जांच में क्षय रोग निकलता है तो उसे उपचार पर रखा जाएगा, इसका इलाज 6 से 8 महीने चलेगा जो पूर्णतः निशुल्क होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य को प्रतिदिन ₹150/- मानदेय दिया जाएगा तथा और खोजे गए प्रति रोगी को उपचार पर रखने के उपरांत प्रति सदस्य ₹200/- अलग से दिया जाएगा। उन्होंने सुपरवाइजर को ₹300/- प्रतिदिन भुगतान करने की भी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि जिस क्षेत्र में टीम कार्य करेगी वहां पर प्रचार हेतु व्यापक बैनर व पोस्टर के माध्यम से अभियान की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी। इस मौके पर एनआईसी कक्ष में नगर आयुक्त/सीडीओ अवनीश कुमार राय, एडी हेल्थ अल्पना बरतारिया, जेडी हेल्थ डॉक्टर रेखा रानी, सीएमओ डॉक्टर गजेंद्र कुमार निगम,डॉ राजकिशोर, डीटीओ डॉ ललित मोहन नरवरिया, रुपेश कुमार नामदेव डीपीसी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



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