आग बुझाने वालों का दर्द भी समझो, दमकल कर्मियों की हकीकत जानकर हो जाएंगे हैरान

samwadbundelkhand.com | Updated : 30/12/20 03:10 AM

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Jhansi

झांसी, किसी भी जगह आग लगने के बाद सबसे पहले हमारे जहन में फायर सर्विस का नाम आता है, तुरंत 101 नंबर डायल कीजिए और दमकल उस मामले को अटेंड करने के लिए निकल पड़ती है, बात अगर झांसी की करें तो झांसी मुख्यालय पर, मोठ, गरौठा और मऊरानीपुर में फायर सर्विस स्टेशन बने हुए हैं, झांसी मुख्यालय पर पांच वाटर टेंडर एक छोटा वाटर टेंडर, एक बोलेरो कैंपर, एक एंबुलेंस और एक बाइक की व्यवस्था है, जबकि मोठ में एक वाटर टेंडर बड़ा और 400 लीटर का छोटा वाटर टेंडर यही व्यवस्था गरौठा और मऊरानीपुर में है, सबसे बड़ी बात यह है कि झांसी जिले में महज 50 दमकल कर्मी ही विभाग के पास में है, जबकि 100 कर्मचारी यहां होने चाहिए थे, जिन कर्मचारियों की कमी है उनके पूर्ति के लिए झांसी से रिक्वायरमेंट की गई है, लेकिन यह अभी पूरी नहीं हुई है, वर्तमान में 50 कर्मचारी ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लॉकडाउन के दौरान भी आग लगने की घटनाओं पर खासा अंतर देखने को नहीं मिला है, 1 जनवरी 2020 से लेकर 30 नवंबर 2020 तक 768 स्थानों पर आग पर काबू पाया गया, जबकि 46 रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए, कहां चले गए हाइड्रेंट झांसी में पहले 58 हाइड्रेंट पॉइंट थे यह वह स्थान होते हैं जहां से पानी गाड़ियों में रि रिफिल किया जाता है, यह हाइड्रेंट सड़क बड़ी और चौड़ी होने की वजह से अब लापता हो चुके हैं, जिसके बाद किसान बाजार और ट्यूबवेल पर फ्लैग्च के माध्यम से पानी भरा जाता है, वर्तमान में तांगा स्टैंड सीपरी बाजार, ताल पुरा, सब्जी मंडी मसीहागंज, खाती बाबा, खंडेराव गेट जैसे स्थानों पर पानी रिफिल करने की व्यवस्था है, आने वाले वक्त में टहरौली और समथर में भी फायर स्टेशन बनाए जाने हैं, झांसी मुख्यालय पर केके ओझा के निर्देशन में पूरा काम किया जा रहा है, लेकिन बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की कमी है अग्निशमन अधिकारी 6 होने चाहिए जबकि एक भी नहीं है, अग्निशमन अधिकारी सेकेंड 7 होने चाहिए जिसमें केवल एक है, सीएफओ केके ओझा ही सभी का नेतृत्व करते नजर आ रहे हैं,



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