झाँसी, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने "ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे" पर कलैक्ट्रेट प्रागंण में अधिकारियों/कर्मचारियों सहित साबुन से हाथ धोये। उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद काफी हद तक हाथ की स्वच्छता बनाये रखना हमारे व्यवहार में आया हैं कई लोग इसे संक्रमण के डर से अपना रहे है। सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टाइफाइड, पेट सम्बन्धी रोग, आंख में होने वाले संक्रमण, त्वचा सम्बन्धी रोग आदि से बच सकते है। सभी के लिए स्वच्छ हाथ उन्होने बताया कि वर्ष 2008 में ग्लाबल हैण्ड वाशिंग डे पार्टनरशिप के द्वारा साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरुकता बढाने के लिये ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे की शुरूआत की गयी थी। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी इसकी थीम ‘‘सभी लिये स्वच्छ हाथ’’ है।इस साल वैश्विक महामारी में साबुन से हाथ धुलने की जरुरत और उपयोगिता दोनो बढ़ गयी है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये हाथों की सफाई एक कारगर हथियार है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाएं संदेश जिलाधिकारी ने बताया कि द स्टेट आफ हैण्ड वाशिंग डे की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद, 13 प्रतिशत खाना बनाने के पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने के पहले साबुन से हाथ धुलती है। इसी के साथ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद, 74 प्रतिशत खाना खाने के पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने के पहले साबुन से हाथ धोते है। उन्होने कहा कि इस दिवस को मनाने का उददेश्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जागरुक किया जाये। जब लोगों के हाथ स्वच्छ होगे तो वह बीमारी से स्वतः सुरक्षित रहेगे। इस तरह की डालें आदत जिलाधिकारी ने कहा कि वायरस से बचाव के लिये सबसे महत्वपूर्ण हाथों का सही ढ़ंग से धुलना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाथों को धुलने के 6 चरण (सुमन के फार्मूला) के बारे में बताते हुये कहा कि एस-सीधा,यू-उल्टा, एम-मुठठी, ए-अंगूठा, एन-नाखून, के- कलाई इस तरह से यदि हाथ धुलने की आदत को आत्मसात् कर लेगें तो हाथ लगातार स्वच्छ रहेगें और बीमारी से बचेगे। इस मौके पर एडीएम वित एवं राजस्व राम अक्षयवर चौहान, नगर मजिस्ट्रेट सलिल पटेल, एसीएम न्याय गुलाब चन्द्र राम, एसीएम वान्या सिंह, एसीएम मंजूर अहमद, नाजिर सदर सत्येन्द्र गोस्वामी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।