झाँसी, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने लघु सिंचाई विभाग द्वारा विगत 3 वर्षो में बुन्देलखण्ड पैकेज व जिला योजना से बनाये गये चैकडैम व तालाबों के विषयक जानकारी देते हुये कहा कि लघु सिंचाई विभाग द्वारा अभूतपूर्व कार्य विकास खण्डों में किये गये। किये गये कार्य का सीधा लाभ जहां किसानों को सिंचाई में मिला वही दूसरी ओर क्षेत्र के जलस्तर में भी बढोत्तरी हुई। किसानों की हो दुगनी आय जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो। यह तभी सम्भव होगा जब सिंचाई के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होगे। चैकडैम निर्माण से किसानो को जहां सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध हुआ वही खेत की मिट्टी भी उपजाऊ हुई। उन्होने बताया कि किसानों की आय दोगुनी कैसे हो, इसकी जानकारी किसानों को लगातार दी जा रही है। कम पानी की फसलों तथा कम अवधि की फसलों की जानकारी लगातार किसानों को दी जा रही है। क्षेत्र में जल की उपलब्धता से परम्परागत खेती के साथ बागवानी व सब्जी उत्पादन के लिये भी किसानों को जागरुक किया जा रहा है। इन चेक डेमो का हुआ निर्माण जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2017-18 में बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत 20 चैकडैम का निर्माण किया गया। जिस पर 470.37 लाख की धनराशि व्यय की गयी। उक्त चैकडैम निर्माण से 400 हेक्टेयर असंचित भूमि को सिंचित किया गया, इस कार्य से लगभग 1000 किसान लाभन्वित हुये। इसी वित्तीय वर्ष में जिला योजना के अन्तर्गत 3 चैकडैम का निर्माण कराया गया जो रुपये 58.93 लाख व्यय करते हुये पूर्ण किया गया। निर्माण से 60 हेक्टेयर भूमि सिंचन क्षमता का सृजन हुआ और 150 किसानों को सीधा लाभ मिला। उन्होने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में बुन्देलखण्ड पैकेज से विकास खण्ड बामौर में अहरौरा, विकास खण्ड मऊरानीपुर में बरौरी, धवााकर, खरकामाफ, भानपुरा, मढपुरा, विकास खण्ड गुरसरांय में झला, रनयारा, तुर्क लहचूरा, गुढा, विकास खण्ड चिरगांव में रामनगर, बंगरा में उल्दन, बिजना, मोंठ में चेलरा, परेछा सहित अन्य गांव में चैकडैम का निर्माण कार्य किया गया।वर्ष 2017-18 में जिला योजना से 3 चैकडैम का निर्माण कराया गया। विकास खण्ड बंगरा के ग्राम बिजना, लुहरगांव, गुरसराय के ग्राम गराह शामिल है। बुंदेलखंड पैकेज से बने 7 डैम वित्तीय वर्ष 2018-19 में जनपद में जिला योजना व बुन्देलखण्ड पैकेज से 7 चैकडैमों का निर्माण कराया गया। कार्य पर 155.78 धनराशि व्यय की गयी और 140 हेक्टेयर सिंचित क्षमता का सृजन किया तथा 310 किसानों को सीधा लाभ मिला। वर्ष 2018-19 में जिला योजना के अन्तर्गत विकास खण्ड बामौर में ग्राम सनौरा, हनौटा तथा खजराहा में चैकडैम निर्माण किये गये। बुन्देलखण्ड पैकेज में वित्तीय वर्ष 2018-19 में विकास खण्ड चिरगांव के ग्राम खवरी तथा इटवाखुर्द में चैकडैमों का निर्माण किया गया। जिलाधिकारी ने लघु सिंचाई प्रखण्ड झांसी द्वारा वर्ष 2019-20 में बुन्देलखण्ड पैकेज तृतीय चरण में निर्मित चैकडैमों की जानकारी देते हुये बताया कि 25 चैकडैमों का निर्माण कराया गया। जिस पर 550.71 लाख रुपये की धनराशि व्यय की गयी और 500 हेक्टेयर भूमि को सिंचित क्षमता का सृजन हुआ। इसके साथ ही 1250 किसानों को सीधा लाभ मिला। उन्होने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत 3 तालाबों का निर्माण कराया गया। कार्य पर 93.35 लाख रुपये व्यय किये गये तथा 36 हेक्टेयर भूमि को सिंचित क्षमता का सृजन हुआ और 90 किसानों को लाभ मिला। उन्होने वर्ष 2019-20 के चैकडैमों की जानकारी देते हुये कहा कि विकास खण्ड बंगरा के ग्राम खिसनी बुजुर्ग, भटा, सिलगुढा, पचवारा, अमनपुरा, बोडा, राजगिर, विकास खण्ड चिरगांव में सारोल प्रथम, द्वितीय, तृतीय, बोरई, दवरी द्वितीय, विकास खण्ड बामौर में बामौर, ककबरई, टेहरका, गोरा टेहरका, गोहना तृतीय, विकास खण्ड मऊरानीपुर में खिलारा प्रथम, द्वितीय, तृतीय, मढ़वा, विकास खण्ड बबीना में मुरारी प्रथम, द्वितीय, लहरठकुरपुरा आदि ग्राम शामिल है। जिलाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत विकास खण्ड बामौर के ग्राम भदरवारा, बुजुर्ग तथा विकास खण्ड मऊरानीपुर के ग्राम रौनी तथा मदरवास में तालाब का जीर्वोद्वार कार्य कराया गया। जिसका लाभ ग्रामीणों को प्राप्त हो रहा है।