हस्तशिल्पी व कारीगर का समाज की मुख्य धारा से जुड़े, बन रहे आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी

samwadbundelkhand.com | Updated : 18/09/20 06:18 AM

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Jhansi

लखनऊ/ झांसी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अर्थव्यवस्था और समाज की व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न ट्रेडों के हस्तशिल्पियों, कारीगरों तथा अन्य पारम्परिक उद्योगों से जुड़े लोगों को वर्तमान सरकार ने समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया है। पहले यह लोग उपेक्षित थे। उनके पास हुनर था, लेकिन मंच नहीं था। कौशल था, लेकिन प्रोत्साहन नहीं था। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना लागू की, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि पारम्परिक हस्तशिल्पी व कारीगर जब खुशहाल व समृद्ध होंगे, तभी समाज खुशहाल होगा और अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। उन्होने कहा कि वित्तीय समावेशन के साथ कारीगरों व हस्तशिल्पियों को जोड़े जाने से आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत टूल किट व प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण कायर्क्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रतीक स्वरूप 10 लाभार्थियों को टूल किट तथा मुद्रा ऋण बैंक स्वीकृत पत्रों का वितरण किया। पूरे प्रदेश में ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा मुद्रा योजना के तहत 4,500 लाभार्थियों को 60 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों के लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद भी किया। इस अवसर पर एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और सिडबी के बीच एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने भगवान विश्वकर्मा की जयन्ती तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के माध्यम से प्रशिक्षित हुए लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र, टूल किट तथा स्वरोजगार स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण का कायर्क्रम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा विश्व के शिल्पी के रूप में जाने जाते है। उनकी जयन्ती के अवसर पर कारखानों और वर्कशाप में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह कार्यक्रम पूजा व श्रद्धा के अलावा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को और बल दे सकें, इस उद्देश्य से आज का यह कायर्क्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्राम स्वराज्य की संकल्पना भी साकार हो रही है। यह कार्यक्रम भारत को समर्थ, सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारम्परिक हस्तशिल्पी व कारीगर समाज की मुख्य धारा से जुड़कर आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बन रहे है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक कारीगर जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची एव राज मिस्त्री की आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के माध्यम से किया जा रहा है। पहले से विद्यमान शिल्पियों की श्रेणी में 03 नई श्रेणियों-भड़भूजा, धोबी तथा शिल्पकार को भी सम्मिलित किया गया है। कारीगरों की कौशल वृद्धि के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के उपरान्त उन्हें टूल किट वितरित की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पहल करते हुए प्रशिक्षण एवं टूल किट प्राप्त कर चुके लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि हमारे प्रतिभाशाली कारीगर अपना व्यवसाय स्थापित करते हुए अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकें। उन्होंने कहा कि ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के अन्तर्गत वर्ष 2019-2020 में 19,938 कारीगरों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करते लाभान्वित कराया गया। इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 01 लाख 12 हजार 889 आवेदकों ने आवेदन किया है, जिसमें से 20 हजार पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण कराया जा चुका है। शेष आवेदको को भी इसी वर्ष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इस वर्ष के आवेदकों में प्रदेश वापस आए श्रमिक भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ के अन्तर्गत लाभार्थियो को मार्जिन मनी का लाभ दिया जा रहा है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के सफल क्रियान्वयन में बैंक भी पूरा सहयोग प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत राज्य सरकार द्वारा जितने भी प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, ऐसे सभी आवेदकों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लाभान्वित किया जाए। स्टेट लेवल बैंकर्स समिति इस दिशा में कार्यवाही करते हुए आसानी से ऋण उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0 तथा ओ0डी0ओ0पी0 के तहत भी ऋण उपलब्ध कराए जाए। इससे कारीगर व हस्तशिल्पी लाभान्वित होंगे। साथ ही, अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होने कहा कि बैंकों द्वारा प्रत्येक जनपद में इन योजनाओं के तहत ऋण का लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा किया जाए। यह कारीगरों व हस्तशिल्पियों के स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता का आधार बनेगा तथा ग्रामीण भारत को नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्पियों व कारीगरों को डिजिटल पेमेन्ट के साथ जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 के तहत 20 लाख इकाइयों को ऋण वितरित किया जाएगा। केन्द्र सरकार के आर्थिक पैकेज के तहत प्रदेश के 10 लाख ‘स्ट्रीट वेण्डर्स’ को लाभान्वित कराने का लक्ष्य रखते हुए काय र्योजना बनायी जाए। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 05 एम्बुलेंस उपलब्ध कराए जाने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि इस समय अनलॉक व्यवस्था के चौथे चरण से हम सभी गुजर रहे हैं। आर्थिक और विकास की गतिविधियां संचालित हो रही हैं। ऐसे में, कोविड-19 के दृष्टिगत सावधानी वसतर्कता बरतते हुए कार्य किया जाए। सर्विलांस और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद झांसी की नीतू सोनी(सुनार)से संवाद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उन्हें ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत प्रशिक्षण एवं टूल किट प्राप्त हो चुकी है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण भी उपलब्ध हुआ है, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जो अवसर प्राप्त हुआ है वह क्षेत्र की और महिलाओं को भी प्राप्त कराने हेतु प्रेरित करेंगी ताकि वह भी स्वावलंबी बन समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। मुख्यमंत्री जी ने बधाई व शुभकामनाएं दीं। झांसी झांसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि जनपद के 104 लाभार्थियों को 52 लाख रुपए की धनराशि भेंट की गई। आज कार्यक्रम के दौरान नीतू सोनी सहित रजनी सोनी, श्री आकाश सोनी, बिहारी लाल, कन्हैया लाल, आशीष कुशवाहा जो सुनारी, राजमिस्त्री, व हलवाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं इनको प्रमाण पत्र, धनराशि और टूलकिट उपलब्ध कराया गया है। इस मौके पर एनआईसी झांसी में उपायुक्त उद्योग सुधीर कुमार श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त उद्योग अमित द्विवेदी, डीआईओ एनआईसी आसिफ खान सहित अन्य अधिकारी व लाभार्थी उपस्थित रहे।



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