झांसी, एक समाचार के माध्यम से जानकारी हुई कि बरुआसागर सीएचसी में मरीजों ने हंगामा किया, मरीज द्वारा आरोप लगाया गया कि उसे खाना नहीं मिल रहा , पानी नहीं मिल रहा, शाम होते होते जब इस घटना का सच सामने आया तो सभी सन्न रह गए, दिनभर बड़ा सवाल रहा कि जिला अस्पताल का स्वास्थ्य कर्मी जिसका नाम सोहन है जो कोरोना संक्रमित पाया गया और वहां भर्ती है वो ऐसा क्यों कर रहा हैं, उसकी सिर्फ एक समस्या है कि वो एल-1 यानी बरुआसागर सीएचसी में नही रहना चाहता, उसका कहना है कि जब उसको कोई लक्षण नही हैं तो उसको वहां क्यों रखा गया है जबकि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है सिर्फ इसी कारण से वो लोगो को भड़का रहा है और मीडिया का सहारा ले रहा है उसके हिसाब से अगर खाने में कॉकरोच था तो क्या उसकी फोटो ली गयी या उसका कोई प्रूफ मिला, ये बात तो मान सकते हैं कि खाना हर किसी को मनचाहा नही मिल सकता और हो भी सकता है कि कोई कमी हुई हो लेकिन सीधा ये इल्जाम लगाना की खाने में कॉकरोच मिला ये गलत होगा । संकट का समय हमे ऐसे समय पर हमे प्रशाशन की मदद करनी चाहिए लेकिन हम सिर्फ उसमे कमिया निकाल रहे हैं । कोरोना संक्रमण 3 प्रकार के हैं, 1 जिनमे कोई लक्षण नही हैं तो उनके लिए कोई दवाई नही है सिर्फ विटामिन की गोली दी जाती हैं तो उनको बरुआसागर और बड़ागाँव में रखा गया है,समाज से दूर समाज के हित में जिससे बाकी का समाज संक्रमित न हो 2 जिनमे बुखार खांसी जैसे लक्षण हैं उनके लिए दवाई है 3 जो गंभीर रूप से संक्रमित हैं उनके लिए ऑक्सीजन और बाकी व्यवस्था जो कि मेडिकल कॉलेज में है सोहन सिंह जो जिला अस्पताल का स्वास्थ्य कर्मी है उसको कोई लक्षण नही हैं तो उसको क्या दवाई दी जाए तो सिर्फ विटामिन की गोली दी जा रही है और जिनको कोई लक्षण नही होता है 10 दिनों तक उनको डिस्चार्ज कर दिया जाता है बस इन 10 दिनों तक उन्हें समाज से दूर रखा गया है जिससे वो और लोगो को संक्रमित ना कर दे, लेकिन 10 दिन बीतने नही दे रहे ये लोग उससे पहले ही झूठी अफवाहों से अपने मित्र पत्रकारों से भी झूठ बता कर लोगों को और समाज को भड़का रहे हैं जो हमारे समाज हित में नही है ऐसी झूठी खबर देने वालो से समाज को सहानुभूति नही होनी चाहिए बल्कि लोगों को ऐसे में अपील करनी चाहिए की जो लोग संक्रमित हैं लक्षण हो या न हो अपना इलाज पूरा करवाये और प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें ।।