मंडलायुक्त की अनूठी पहल, बुन्देलखण्ड की सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विरासत जल्द विश्व पटल पर

samwadbundelkhand.com | Updated : 03/07/21 08:00 AM

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Jhansi

झांसी, बुन्देलखण्ड को एक नयी पहचान दिलाने की शुरुआत करते हुये मंडलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय ने झाँसी मण्डल में संकलन, संरक्षण, अन्वेषण एवं शोध समिति की स्थापना का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होने संबन्धित अधिकारियों को पत्र जारी करके निर्देश भी दे दिये हैं। झाँसी मण्डल की स्वर्णिम एवं गौरवशाली परम्पराओं को वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक रूप देने के लिए उठाए गए इस क़दम पर मण्डलायुक्त का कहना है कि झाँसी मण्डल बुन्देलखण्ड के विस्तृत भाग का एक महत्वपूर्ण मण्डल है। इसके तीन जिलों का विशाल क्षेत्र शामिल हैं। यह पूरा क्षेत्र अतीत की एक स्वर्णिम एवं गौरवशाली, ऐतिहासिक स्मृतियों का साक्षी रहा है। इस क्षेत्र में इतिहास, साहित्य और संस्कृति की अविरल गंगा सदियों से प्रवाहित होती रही है। इस अविरल धारा का सातत्य आज भी बना हुआ है। इस क्षेत्र में तमाम ऐसी महान विभूतियाँ हुई हैं, जिन्होंने इस अविरल धारा को अक्षुण्ण बनाये रखने में अपना अमूल्य योगदान दिया है। यहां की परंपराओं, रीतिरिवाजों जीवन दर्शन में विविधताओं की एक लंबी फेहरिस्त मौजूद है। इस क्षेत्र की तमाम अनकही बातें, परंपरायें, साहित्य एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ सम्पूर्ण देश एवं मानवता के लिये ध्यानाकर्षण योग्य हैं। इनके एक वैज्ञानिक, प्रमाणीकृत रूप से देश के समक्ष रखने एवं प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इसके लिये कुछ मानक तय किए गए हैं, जिनमें संकलन, अन्वेषण, संरक्षण व शोध कार्य सम्मिलित है। इसके लिए 11 गतिविधियों पर कार्य किया जाना है। एक महासभा बनाये जाने उन्होने निर्देश दिये कि उपरोक्त समिति की एक महासभा बनाये जाने पर विचार किया जाए और एक कार्यकारी समिति बनाई जाए। इनमें सदस्यों की संख्या और योग्यता पर विचार किया जाए। समिति के अधीन उपरोक्त 11 विंग नियमित रूप से कार्य करेंगे। इन विंग्स में सम्बन्धित क्षेत्र के सरकारी और गैर सरकारी विशेषज्ञ लोगों को शामिल किया जाना होगा। इन कार्यो के लिये बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के सम्बन्धित विभागाध्यक्षों का परामर्श एवं नेतृत्व लेने पर रूपरेखा तैयार की जाए। मण्डल के जागरूक, विशेषज्ञ एवं रूचि प्रदर्शित करने वाले नागरिक बंधुओं से भी परामर्श लेने की व्यवस्था रखी जाए। झाँसी मण्डल के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य आयामों के एक वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत ढंग से संग्रहण एवं प्रस्तुतीकरण के लिए एक कान्सेप्ट नोट बनाने पर विचार कर इसे अंतिम रूप दिये जाने की कार्यवाही की जानी है। सभी संबन्धित अधिकारियों से उम्मीद है कि इसपर जल्द से जल्द कार्य योज़ना बनाकर प्रस्तुत करेंगे। 11 गतिविधियां ,,,, (1) साहित्य विंग (2) पर्यटन विंग (3) व्यंजन विंग (4) रीति-रिवाज व परम्पराओं से सम्बन्धित विंग (5) ऐतिहासिक स्थल विंग (6) फ्लोरा एवं फना विंग (7) जल संरक्षण विंग (8) हस्तशिल्प एवं उद्योग धन्धों से सम्बन्धित विंग (9) सांस्कृतिक विंगः नृत्य, गायन, नाटक, लोककला (10) विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण (11) पल्र्स ऑफ बुन्देलखण्ड।



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