जात-पात की भेंट चढ़ा गांव

samwadbundelkhand.com | Updated : 22/02/21 02:52 AM

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Jhansi

रिपोर्ट- मेघा झा, आयुष शुक्ला 9654606505 झांसी । ग्राम दौन की हालात देखने में तो सही थी। लोगों से बात करने पर जात-पात का जीता जागता उदाहरण देखने मिल गया। ये बात तो तब पता चली जब संवाद बुंदेलखंड की टीम दौन पहुंची और वहां के लोगों से बातचीत की। सिर्फ सड़कें ठीक होना काफी नहीं है। समस्याएं ब्लॉक बड़ागांव के गांव दौन जब संवाद बुंदेलखंड की टीम पहुंची तो सड़कों की हालात सामने-सामने तो दुरूस्त थी। गांव के भीतर जाने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। लोगों से बात करने पर यह स्पष्ट हो गया कि गांव में जात-पात फैला हुआ है। वैसे तो ये बात आज के माहौल में आम है और ग्रामीण इलाकों में और ज्यादा आम बात है। लेकिन देखा जाए तो आज के इस दौर में जहां लोग शिक्षा और तकनीकी रूप से आगे बढ़ चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ इस गांव में सिर्फ सड़कें ही आपको आईना दिखा देगी। ये सब शोभनीय नहीं है। जाति विशेष के इलाके में सड़कें बहुत बढ़िया तरीके से बनी हैं। पक्की सड़कें बनीं हुई हैं। वहीं दूसरी जाति वालों के मोहल्ले में सड़क नहीं बस ऊबड़-खाबड़ रास्ता जिस पर आप और हम सीधा चल भी नहीं सकते। वहां के निवासी दीपक ने कहा कि हमें अपने घर तक ट्रैक्टर ले जाने के लिए भी उस रास्ते से जाने की इजाज़त नहीं, जहां जाति विशेष के लोग रहते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि उनके मोहल्ले में ही अभी तक रास्ता बना ही नहीं सिर्फ यहीं बाकि पूरी गांव में सड़क पक्की बनी हुई है। दीपक ने एक अन्य समस्या बताई कि नील गाय बहुत सारी खेतों की तरफ घूमती रहती है। फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। काफी बार शिकायत भी की लेकिन कोई नहीं सुनता। कहते हैं कि गौशाला दूसरे गांव दुनारा में बनी हुई है। उनका कहना है कि नील गाय काफी ऊंची कूदती है। जिससे खेतों के किनारे बनी दीवारें भी उनको नहीं रोक पाती। गौर करने वाली बात यह रही कि गांव के बाहर ही फैक्ट्री लगी। जिसमें एफएक्स बनते हैं। उसके बाद भी एक जाति विशेष के इलाके में सड़क का नामोनिशान नहीं। पक्की सड़क क्या होती पता ही नहीं है। ऐसा नहीं कि गांव में सिर्फ समस्याएं ही हैं बस कुछ इलाकों की ही ये दुर्गति है। उम्मीद १.कुछ लोग जो सरकारी योजनाओं से वंचित रह गए उनको यही उम्मीद है कि उनतक सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। २.उन गायों का इंतज़ाम जो जाए ताकि किसानों की फसलों का नुक़सान ना हो। ३.वो सड़क बन जाए जो उन लोगों को उनके घर तक वाहन लाने में सुविधा देगी।



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