150 साल पुराने स्मारक का जायजा लेने पहुंचे झांसी कमिश्नर,अतिक्रमण पर चिंतित

samwadbundelkhand.com | Updated : 19/02/21 05:35 AM

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Jhansi

Jhansi. शहर के ऐतिहासिक स्थल झोकन बाग का कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा ने निरीक्षण किया, इतिहास के पन्नों में दर्ज झोकन बाग अपने स्मारक की पहचान के साथ अपनी यादें संजोए हुए हैं लेकिन स्मारक के आसपास हो रहे अतिक्रमण के कारण इसकी स्मृतियों से पर्यटक रूबरू नही हो पा रहे हैं। यह वही झोकन बाग है जब ब्रिटिश हुकूमत की बर्बरता चरम पर थी तब क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को सबक सिखाने के लिए कई फिरंगी मार कर कुएं में दफना दिए थे। ऐसे हुआ नामकरण झांसी कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि झांसी शहर में झोकन बाग स्मारक है, ऐसा बताया जाता है कि 1857 की क्रांति के समय हमारे क्रांतिकारियों ने 70 से 80 अंग्रेजों को मार कर यहां एक कुआं में पटक दिया था उसको लोकल भाषा में कहते हैं झोक देना, इसलिए इस स्मारक को झोकन बाग स्मारक कहते हैं, यह पुरातत्व विभाग की प्रॉपर्टी है और जो चारों तरफ का एरिया है वह झांसी कैंटोनमेंट बोर्ड का है, इसको देखने पर आपत्तिजनक बात लग रही है कि चारों तरफ कब्जे हो गए हैं कोई यह कहता है कि बोर्ड के लोग यहां से तहबाजारी वसूल करते हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्रांतिकारियों से संबंधित स्मारक दब गया है ऐसा मालूम नहीं चलता कि यहां स्मारक भी है। पास में ही झांसी का किला दिखता है इस स्मारक को देखने के लिए टूरिस्ट आ सकते हैं कि यहां क्या हुआ था, सामने दुकानें हैं इन दुकानों ने फ्रंट कवर कर लिया है, मैं कैंट से बात करूंगा कि वह अपनी संपत्ति को बचाएं और अतिक्रमण से मुक्त कराएं।



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