नाम बड़े दर्शन खोटे सा नगर और हालत गांव से भी बदतर

samwadbundelkhand.com | Updated : 11/02/21 04:43 AM

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Jhansi

रिपोर्ट आयुष शुक्ला, मेघा झा 9654606505 झाँसी, भूपनगर सुनते ही दिमाग मे ख्याल आता है जैसे कोई शहर नगर या कस्बे का नाम है। असल मे चिरगांव ब्लॉक के भूपनगर गांव की स्थिति इसके नाम के बिल्कुल विपरीत है। संवाद बुन्देलखण्ड की टीम जब ग्राम भूपनगर पहुँची तो हालात सोच से परे निकले। सरकारी योजनाओं का लाभ नही यहां पूर्णतः ग्रामवासियों के वोटर कार्ड और राशन कार्ड भी नही बने है, न ही प्रसाशन या सरकार द्वारा इस बारे में कोई सुधार या कार्यवाही की जा रही है। ग्रामवासी धनकुंवर के अनुसार न ही विधवा पेंशन योजना का लाभ मिलता है न ही किन्ही सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिलती है। सफाई और सफाईकर्मी नदारद नालियों का पानी रोड पर या यूं कहें कि रोड ही नाली पर एक ही बात होगी। ग्राम भूपनगर में रहने वाले दीपक बताते है कि कई ग्रामीण तो सफाई कर्मी को जानते भी नही है कि कौन है? क्योंकी वह कभी आया ही नही। हम सब खुद ही अपने अपने घर के आगे की सड़कें और नालियां साफ करते हैं जिससे घर के आगे तो कम से कम साफ सुथरा लगे। नज़र हटी दुर्घटना घटी सालों पुरानी बिछी फर्सी की सड़क जो ऊबड़ खाबड़ हो चुकी है,अगर पैदल चलते हुये थोड़ी सी भी चूक हुई तो मुह के बल गिरने का डर है। सड़क के बीच मे से जाती हुई नाली जो खुदवाई तो किसी सरकारी काम के नाम पर गयी थी लेकिन दोबारा भरवाई नही गयी जिसमे गन्दा पानी और कीचड़ भर गया है। बिजली की समस्या नही ग्रामवासी ब्रजमोहन राजपूत के अनुसार गांव में बिजली आपूर्ति की समस्या नही है, लेकिन खम्बों पर लाइट या बल्ब की व्यवस्था नही है, अगर ये समस्या का समाधान हो जाये तो गाँव में रोशनी की उत्तम व्यवस्था हो जाएगी। घुसते ही तकलीफें अंदर जाते ही सब खैरियत भूपनगर में अलग ही बात देखने को मिली कि गाँव मे घुसते ही लोग अपनी समस्याओं का आडम्बर ले कर बैठे है और गांव की हालत भी काफी कुछ बयाँ करती है लेकिन जैसे ही आप गाँव के अंदर चलते जायेगे आपको हालत और लोग दोनो सुखी और संतुष्ट मिलेंगे। अब इसका क्या राज है ये तो ईश्वर ही जाने लेकिन आधा गांव तकलीफ को बयां करता है और आधा काफी समृद्ध नज़र आता है। आगामी चुनाव से उम्मीद ग्रामवासियो की उम्मीद उनके सवालों के जवाब और उनके गांव के हालातों के सुधार पर टिकी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव का विजेता चाहे जो हो,बस हमारी समस्याओं को सुन कर उनके समाधान करने वाला और जो भी योजनाओं का लाभ हमें मिलना चाहिए वो दिलाने वाला होना चाहिए। जिससे सभी ग्रामवासियों की तरक्की हो और पूरा गांव समृद्ध और सुखी हो।



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