झांसी, क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय झांसी मंडल में कम स्टाफ के बावजूद बेहतर काम की नीति पर गौर किया जा रहा है, वर्ष 2019 से बेहतर काम करते हुए वर्ष 2020 में 7300 से ज्यादा अभ्यर्थियों को रोजगार मिला के माध्यम से नौकरी मिली है, इसके अलावा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे बेहतर तरीके से काम किया जा सके, गौरतलब है कि झांसी क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में वर्ष 2019 में 35000 से ज्यादा पंजीकरण हुए थे जो कि वर्ष 2020 में 10865 कर रह गए, यह आंकड़ा लॉक डाउन की वजह से कम बताया जा रहा है, जबकि पिछले साल से कहीं ज्यादा रोजगार देने में विभाग ने सफलता हासिल की है, जिला रोजगार सहायता अधिकारी हिमांशु यादव ने बताया कि झांसी में वर्ष 2019 में 12624 पंजीकरण हुए थे जो कि वर्ष 2020 में 5051 हुए, फिर भी पिछले साल से 1000 से ज्यादा अभ्यर्थियों को नौकरी मिली है,, इसके अलावा झांसी मंडल में वर्ष 2019 में 43 रोजगार मेले आयोजित किए गए थे, इस बार मेलों की संख्या 61 हो गई, कुल मिलाकर सीमित संसाधनों के बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है, सरकारी नौकरी विकल्प नहीं जब हमारी टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी को ही नौकरी मानते हैं, जबकि प्राइवेट सेक्टर में बहुत बड़े पैमाने पर नौकरियों है, अच्छी पगार है, इसमें सबसे अच्छा यही है कि खुद के स्किल को डेवलप किया जाए और छोटे काम से ही शुरूआत की जाए, जरूरी नहीं कि सरकारी नौकरी की लालसा में बेहतर और मौके को छोड़ दिया जाए, झांसी सेवायोजन कार्यालय में टाइपिंग शॉर्टहैंड जनरल नॉलेज जैसी विधाओं की जानकारी दी जाती है, जिसके लिए कभी भी पंजीयन कराया जा सकता है, वर्तमान में आठ - आठ अभ्यर्थियों के बैच लगाए जा रहे हैं, जिससे कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा सके, 10 से ज्यादा निजी कंपनियां जिला रोजगार सहायता अधिकारी हिमांशु की कर्मठता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि ललितपुर में 17 के स्थान पर महज 9 लोग ही नियुक्त हैं, उरई में 20 लोगों के स्थान पर केवल 13 लोग नियुक्त थे, झांसी में भी स्टाफ की कमी है बावजूद इसके उन्होंने अपने सभी साथियों को प्रेरणा दी अब बेहतर काम टीमवर्क के माध्यम से किया, इसी के चलते 10 से ज्यादा निजी कंपनियों ने रोजगार मेले में अपनी रुचि दिखाई और समस्त मंडल में 7000 से ज्यादा रोजगार अभ्यर्थियों को मिल सके,