झांसी, बुंदेलखंड क्रांति दल के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह के नेतृत्व में आयुक्त झांसी मंडल को प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौंप कर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग की तथा आयुक्त परिसर में अधिवक्ताओं से भेंट कर उनसे बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन के लिए समर्थन मांगा। ज्ञापन भेंट करते हुए कुँवर सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा की 01 नवम्बर 1956 को जवाहर लाल नेहरू ने बुंदेलखंड राज्य समाप्त कर हमारे साथ अन्याय किया था। तब से बिना किसी राज्य पुनर्गठन आयोग के हिंदुस्तान में अनेकों राज्य बनाए गए हैं , लेकिन बुंदेलखंड का राज्य नहीं बनाया । यह बुंदेलखंड के साथ अन्याय है। बुंदेलखंड को लूटा जा रहा है। बुंदेलखंड से कलेक्ट होने वाला टैक्स बुंदेलखंड में खर्च नहीं किया जा रहा है बुंदेलखंड में गरीबी है शिक्षा का अभाव है रोजगार का सृजन नहीं है किसान सिंचाई के लिए परेशान है विकास की योजनाएं चलाई नहीं जा रही है बुंदेलखंड का विकास अगर होगा तो केवल राज्य निर्माण से होगा। हम सरकार से मांग करते हैं की बुंदेलखंड राज्य जल्दी बना दो अन्यथा अब याचना नहीं रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा। आज के प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष मो. नईम मंसूरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अज्जू खान, महासचिव देवेन्द्र अहिरवार, जगदीश विश्वकर्मा, विनोद कुमार वर्मा, शंकर तिवारी आदि उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री बुंदेलखंड राज्य बनाओ ज्ञापन में प्रधानमंत्री से मांग की गई कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र सर्बाधिक पिछड़ा हुआ क्षेत्र है, बुन्देलखण्ड के सारे किसान ,मजदूर ,व्यपारी ,नोजवान व् छात्र परेशान है। बुन्देलखण्ड में रहने वाले किसी भी नौजवान ,मजदूर ,युवा के लिये कोई भी रोज़गार की सम्भावनाएं बुन्देलखण्ड में नहीं है। जब बुंदेलखण्ड राज्य पुन :अलग बनेगा तभी राज्य का विकास हो सकेगा। अधिवक्ताओं से मांगा समर्थन ज्ञापन में कहा गया कि 12 मार्च 1948 को 35 देशी रियासतों को मिलाकर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बनाया गया था। पृथक बुन्देलखण्ड राज्य के पहले मुख्यमंत्री कामता प्रसाद सक्सेना बने थे ,नौगांव को पृथक बुन्देलखण्ड राज्य की राजधानी /मुख्यालय बनाया गया था। पृथक बुन्देलखण्ड राज्य लगभग 08 साल रहा। 01/11/1956 को बुन्देलखण्ड राज्य समाप्त कर आधा उत्तर प्रदेश और आधा मध्य प्रदेश में मिला दिया गया। 01/11/1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम देश की संसद में पारित हुआ और 14 राज्य व् 06 केन्द्र शासित राज्य बनाये गये। 01 नवम्बर 1956 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पृथक बुन्देलखण्ड राज्य को समाप्त कर बुन्देलखण्ड राज्य को दो भागो में विभाजित कर उत्तर प्रदेश व् मध्य प्रदेश में बांट दिया गया। ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग की गई कि आप बुन्देलखण्ड की जनता की परेशानी , बुंदेलखंड की जनता के द्वारा लगातार पृथक बुन्देलखण्ड राज्य की मांग को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें। अधिवक्ताओं से संपर्क कर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण के लिए सहयोग मांगा। राम प्रकाश अग्रवाल एड., संजय खरे एड. आदि अधिवक्ताओं ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि वे आन्दोलन के साथ हैं और पूरा सहयोग करेंगें।